Saturday, July 24, 2010

ये प्यार में डूबी हुई लड़कियां

ये प्यार में डूबी हुई लड़कियां

हम ने कर ली मनाने की कोशिश हज़ार, आप फिर भी ख़फ़ा हैं तो हम क्या करें?
क्या है  शक की दवा,   हम अगर आप के,  सोच में  बा-ख़ता हैं तो हम क्या करें?

ख़ुश हैं, नाख़ुश हैं हम, आप को इस से क्या, क्यूँ गवारा करें कोई दख़्ल आप का,
अपनी  नज़रों  में  हम   भी  शहंशाह हैं,   आप ख़ुद में ख़ुदा है   तो हम क्या करें?

                  

हम कभी घर से निकलें अगर काम से, या टहलने ही चल दें घड़ी दो घड़ी, 
हाथ रखते हैं दिल पर हमें देख कर,  आप भरते हैं आहें तो हम क्या करें?

आप कहते हैं  हम आप को  भा गये,  जान हम पर निसार  आप करने लगे,
मस्अला है ये ज़ाती ज़नाब आपका, आप हम पर फ़िदा हैं तो हम क्या करें?


                    

आप  की  हाँ  में    हाँ  हम  मिलाते  रहे,  और  कैसे करें  आप को   मुतमइन,
आप ने जो कहा हम ने बस वो किया, फिर भी हम बेवफ़ा हैं तो हम क्या करें?

हम हैं ‘कमसिन’ हंसी, ख़ुशअदा, ख़ुशअमल, तो क़ुसूर इस में कहिए हमारा है क्या,
हम पे  उठती हैं   गर  आप के  शहर में,   इसलिये   बदनिगाहें   तो   हम   क्या करें?


उप मुख्य मंत्री चांद मुहम्मद और फिज़ा


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