Posted जनवरी 27, 2010 by Jayanti Jain
प्रबल इच्छा क्या है ? प्रबल इच्छा का तात्पर्य उस दृढ़ निश्चय से है जो हमें किसी लक्ष्यप्राप्ति के लिए करता होता है। यह लक्ष्य शक्ति, ओहदा, धन या ऐसी ही अन्य कोई वस्तु हो सकती है। कुछ बड़ा पाने या करने के लिये महत्त्वाकांक्षा अनिवार्य है। जीवन में कुछ बड़ा करने का दृढ़ निश्चय।

क्या प्रबल इच्छा, उत्साह एवं साहस के अभाव में तेनसिंह और हिलेरी एवरेस्ट पर्वत की चोटी पर चढ़ने में सफल हो पाते?
जनवरी 5, 2010 by Jayanti Jain
मैने शक्ति मांगी और प्रभु ने कठिनाईयाँ दी
ताकि मैं मजबुत बनूँ।
मैने बुद्धि मांगी और प्रभु ने मुझे समस्याएँ दी
ताकि मैं उपाय खोजूँ।
मैने समृद्धि माँगी और प्रभु ने मुझे ताकत व मस्तिष्क दिये
ताकि मैं प्राप्त कर सकूँ।
मैने साहस माँगा और प्रभु ने मुझे खतरे दिये
ताकि मैं जीत सकूँ।
मैने धैर्य मांगा और प्रभु ने मुझे ऐसी स्थिति दी
कि मुझे मजबूरन इन्तजारी करनी पडे।
मैने प्रेम मांगा और प्रभु ने मुझे दुखी साथी दिये
ताकि मैं सेवा कर सकूँ।
मैने तेरी कृपा चाहीं और प्रभु ने मुझे अवसर दिये।
जो मैने चाहा वह मुझे कभी न मिला
लेकिन जिसकी आवश्यकता थी वह सदा मिला।
इस तरह मेरी प्रार्थना सुनी गई।