Posted जनवरी 27, 2010 by Jayanti Jain
प्रबल इच्छा क्या है ? प्रबल इच्छा का तात्पर्य उस दृढ़ निश्चय से है जो हमें किसी लक्ष्यप्राप्ति के लिए करता होता है। यह लक्ष्य शक्ति, ओहदा, धन या ऐसी ही अन्य कोई वस्तु हो सकती है। कुछ बड़ा पाने या करने के लिये महत्त्वाकांक्षा अनिवार्य है। जीवन में कुछ बड़ा करने का दृढ़ निश्चय।

क्या प्रबल इच्छा, उत्साह एवं साहस के अभाव में तेनसिंह और हिलेरी एवरेस्ट पर्वत की चोटी पर चढ़ने में सफल हो पाते?
जनवरी 5, 2010
मैने शक्ति मांगी और प्रभु ने कठिनाईयाँ दी
ताकि मैं मजबुत बनूँ।मैने बुद्धि मांगी और प्रभु ने मुझे समस्याएँ दी
ताकि मैं उपाय खोजूँ।
मैने समृद्धि माँगी और प्रभु ने मुझे ताकत व मस्तिष्क दिये
ताकि मैं प्राप्त कर सकूँ।
मैने साहस माँगा और प्रभु ने मुझे खतरे दिये
ताकि मैं जीत सकूँ।
मैने धैर्य मांगा और प्रभु ने मुझे ऐसी स्थिति दी
कि मुझे मजबूरन इन्तजारी करनी पडे।
मैने प्रेम मांगा और प्रभु ने मुझे दुखी साथी दिये
ताकि मैं सेवा कर सकूँ।
मैने तेरी कृपा चाहीं और प्रभु ने मुझे अवसर दिये।
जो मैने चाहा वह मुझे कभी न मिला
लेकिन जिसकी आवश्यकता थी वह सदा मिला।
इस तरह मेरी प्रार्थना सुनी गई।
माइकल जेक्सन और बिरजू महाराज में अंतर
पश्चिमी व पूर्वी नृत्य शैली में मूलभूत अन्तर है। भारतीय संगीत व नृत्य जीवन को आनन्दित करता है। भारतीय नृत्य जीवन में खुशी पैदा करते है। शास्त्रीय नृत्य जीवन में नये आयाम खोलते है। अन्तर्मन की प्रज्ञा को विकसित करते है। यह हमें जीवन से जोड़ती है।जबकि पश्चिमी नृत्य व्यक्ति को मदहोश करता है। यह स्वयं को भूलने की शैली है। जबकि पश्चिमी नृत्य अपने को सुलाने में मदद करते है। भारतीय संगीत मधुर होता है। जबकि पश्चिमी संगीत तीव्र ध्वनि उत्पन्न करता है। तभी तो माइकल जैकसन बहुत बड़े नर्तक होकर भी अवसाद के शिकार होते है। और बिरजू महाराज विपरित स्थितियों में भी हंसने में सक्षम होते है।
संगीत एवं नृत्य भीतर को उघाड़ता है तो बदले में भी उधड़ने की खुशी मिलती है तो दूसरे में स्वयं से जुड़ने का आनन्द है। भारतीय नृत्य अन्त में ध्यान पैदा करते है। ईश्वर साक्षात्कार में सहायक होते है।
नृत्य जीवन की सबसे बड़ी आवश्यकता है। व्यक्ति नृत्य करते हुए पैदा होता है। माँ के गर्भ से आते हुए हाथ पाँव हिलाना ही नृत्य है। एवं नृत्य करते हुवे ही संसार से विदा लेता है। मरते वक्त छटपटाना नृत्य के अतिरिक्त क्या है? भारतीय देवों में लोकप्रिय देवता शिव सदैव नृत्य करते रहते है इसलिए उन्हें नटराज कहते है।
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